आठ मुखी रुद्राक्ष
आठ मुखी रुद्राक्ष को विनायक का रुप माना गया है। धारक की विघ्न बाधाये दूर होती है और आठों दिशाओं मे विजय प्राप्त होती है, कोर्ट कचहरी के चक्करो मे सफलता प्राप्त होती है इसमे आठ धारियां होती है ये श्री गणेश भगवान का स्वरुप है भगवान गणेश जी की सभी भगवानों से पहले पूजा की जाती है आठ मुखी रुद्राक्ष पृथ्वी, जलवायु, अग्नि, आकाश, सूर्य, चन्द्र और यजवान साक्षात शिव शरीर माना जाता है इसे धारण करने से आठ देवियो की कृपा धारक पे हमेशा बनी रहती है शत्रुओ दुर्घटनाओं से रक्षा होती है प्रेत वाधा का डर नही रहता यह साहस एवं शक्ति प्रदान करता है धारक का विरोधी या अपने आप से शत्रुता समाप्त कर लेता है इसे भैरव भगवान का स्वरुप भी माना जाता है इसको धारण करने से अन्न धन तथा स्वर्ण मे वृद्धी होती है दुष्ट स्त्री गुरु पत्नी गमन के पापो से मुक्ति को दूर करता है जिन लोगो को या तो नींद न आती हो या फिर नींद बहुत आती हो जैसी बिमारी मे राहत पहुचाता है और मानसिक बिमारियो मे ये रामबाण की तरह काम करता है। इसका संचालक ग्रह राहु है।
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