पाँच मुखी रुद्राक्ष
पाँच मुखी रुद्राक्ष साक्षात रुद्र स्वरुप है, इसके पांचो मुखो को भगवान शिव का पंचानन स्वरुप माना गया है। इसमे पांच धारिया होती है यह रुद्राक्ष हृदय को स्वच्छ मन को शान्त दिमाग को ठंडा रखता है इसको धारण करने वाला मनुष्य उन्नति के रास्ते पे चलता है यह पर स्त्री गमग के पाप नष्ट होते है। और धारक को किसी भी प्रकार का दुख नही सताता इसके गुण अनन्त है। इसलिए इसे अत्यन्त प्रभावशाली तथा महिमामय मना गया है पंचमुखी रुद्राक्ष को पंचमुखी ब्रह्मा स्वरुप माना जाता है। यह कालग्नि रुद्र का प्रतीक भी माना गया है यह सबसे आसानी से मिलने वाला रुद्राक्ष है। इसे धारण करने से लीवर गाल ब्लेडर प्रोस्टेट ग्रंथिया ब्लड प्रेशर डिस आर्डर पिट्यूटरी ग्लैड की समस्या को राहत देता है इसका संचालक ग्रह बृहस्पति को माना जाता है।
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